राजस्थान के प्रमुख उद्योग विस्तार से| rajasthan ke indrastrial area’s

आज हम आपको राजस्थान की उद्योग नीति के बारे में विस्तार से पॉइंट वाइज बगताएँगे कृपया ध्यान से पड़े कुछ समझ नही आये तो कंमेंट करे 
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➡️राज्य की पहली उद्योग नीति-24 जून, 1978
➡️राज्य की नवीन औद्योगिक एवं निवेश नीति-25 जून, 2010
✳️औद्योगिक संस्थाएँ✳️
1. रीको (RIICO- Rajasthan State Industrial
Development and Investment Corporation)
स्थापना – 28 मार्च 1969 को राजस्थान उद्योग व खनिज विकास निगम (RIMDC) की स्थापना की गई। नवंबर 1979 को इसका विभाजन करके राजस्थान राज्य खनिज विकास निगम
(RSMDC) तथा जनवरी 1980 में रीको की स्थापना की गई।
✳️ मुख्यालय-जयपुर 
कार्य■★
1. औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना एवं विकास करना
2. लघु, मध्यम व वृहत उद्योगों को दीर्घकालीन वित्तीय सहायता  प्रदान करना।
✳️राजस्थान वित्त निगम (RFC – Rajasthan Finance Corporation)
स्थापना – 17 जनवरी, 1955
 – मुख्यालय-जयपुर
७ कार्य-
1. लघु व मध्यम इकाइयों को मध्यम व दीर्घकालीन वित्तीय
सहायता प्रदान करना
2. केन्द्र सरकार व राज्य सरकार तथा वित्तीय संस्थाओं के
प्रतिनिधि के रूप में कार्य।
✳️RFC की योजनाएँ-
1. SEMFEX – Self Employment for ex-
serviceman – भूतपूर्व सैनिकों के स्वरोजगार हेतु ऋण उपलब्ध करवाना।
2. शिल्प बाड़ी-ग्रामीण व शहरी शिल्पियों व दस्तकारों की सहायता।
3. महिला उद्यम निधि
उद्यमी महिलाओं को स्वरोजगार हेतु ऋण उपलब्ध कराना।
4. टेक्नोक्रेट स्कीम तकनीक शिक्षा प्राप्त युवाओं के स्वरोजगार हेतु ऋण
5. फ्लैक्सी ऋण योजना – उद्यमियों को प्रोत्साहन देने हेतु ।
✳️राजसीको (RAJSICO – Rajasthan State Small Industrial Corporation)
स्थापना-3 जून, 1961 
मुख्यालय – जयपुर
-कार्य-
1. लघु व कुटीर उद्योगों का विकास करना
2. इनको कच्चा माल, तकनीकी, वित्तीय व विपणन संबंधी
सुविधाएं उपलब्ध कराना।
3, लघु व वृहत उद्योगों के मध्य समन्वय स्थापित करना।
✳️ग्रामीण गैर-कृषि विकास संस्थान (RUDA-RuralNon Agriculture Development Agency)
स्थापना – सन् 1995
मुख्यालय- जयपुर
-कार्य-ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार को विकसित करना
✳️प्रमुख कलस्टर-
1. कोटा-डोरिया – कैथून
2. गोटा कलस्टर – अजमेर
3. पिछवाई कलस्टर – व्यावर
4. स्टोन कलस्टर – जैसलमेर
5. हैण्ड ब्लॉक प्रिंटिंग कलस्टर: बगरू (जयपुर)
6. राइस कलस्टर- बूंदी
7. टेराकोटा = मौलेला
8. चर्म जूती कलस्टर – भीनमाल (जालौर)
9. आरातारी कलस्टर – नायला (जयपुर)
✳️औद्योगिक पार्क✳️
1. चमड़ा कॉम्लेक्स – मानपुरा माचेड़ी (जयपुर)
2. वूलन पार्क – बीकानेर, ब्यावर
3. सिरेमिक पार्क = खारा (बीकानेर)
4. एप्रोफूड पार्क = रानपुरा (कोटा), बोरानाड़ा, गंगानगर, अलवर
5. स्पाइस पार्क = जोधपुर, कोटा
6. जेम्स एण्ड ज्वैलरी पार्क – सीतापुरा (जयपुर)
7. अपैरल पार्क = महल, जगतपुरा (जयपुर)
8. जापानी पार्क, नीमराणा (अलवर)
9. पुष्प पार्क = खुशखेड़ा (अलवर)
✳️निर्यात संवर्धन औद्योगिक पार्क✳️
1. सीतापुरा, जयपुर
2. बोरानाड़ा, जोधपुर
3. नीमराणा, अलवर
✳️विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ)✳️
सेज विधेयक, 2015 पारित : राजस्थान विशेष आर्थिक जोन (सेज) विधेयक 6 अप्रैल, 2015 को विधानसभा में पारित कर दिया गया। विधेयक में सेज से जुड़े समस्त कार्य अलग एजेंसियों
के विकास आयुक्त के क्षेत्राधिकार में रखे गए हैं।
विकास आयुक्त को श्रम आयुक्त की शक्तियां प्रदत्त की गई हैं।
💠राजस्थान के प्रमुख उद्योग✳️
1. सूती वस्त्र उद्योग➡️
भारत का सबसे संगठित, प्राचीन व परम्परागत उद्योग है।
भारत की प्रथम सूती वस्त्र मिल – सन् 1818 घुसरी
(कोलकाता) असफल रही।
वास्तविक प्रथम सूती मिल – सन् 1854 में मुम्बई में
राजस्थान में प्रथम सूती मिल – 1889 में, दी कृष्णा मिल्स लिमिटेड
(i) दी कृष्णा मिल्स लिमिटेड, ब्यावर (अजमेर)
मैं स्थापना- सन् 1889
मैं राज्य की प्रथम मिल व सर्वाधिक करघे
(ii) महाराजा उम्मेद मिल, पाली
मै स्थापना- सन् 1942
* सर्वाधिक सूती वस्त्र उत्पादक मिल
(iii)आदित्य मिल्स, किशनगढ़ (अजमेर)
औ स्थापना- सन् 1960
में दूसरी बड़ी सूती वस्त्र उत्पादक मिल
(iv)एडवर्ड मिल्स, ब्यावर (अजमेर)
मै स्थापना- सन् 1906
(v) विजय कॉटन मिल, विजयनगर (अजमेर)
(vi)महालक्ष्मी कॉटन मिल, व्यावर (अजमेर)
💠सहकारी क्षेत्र की मिलें💠
1. गुलाबपुरा, भीलवाड़ा – सन् 1965
2. हनुमानगढ़ – सन् 1978
3. गंगापुर, भीलवाड़ा – सन् 1981
1 अप्रैल, 1993 को इन तीनों मिल्स के साथ मिलाकर स्पिनफेड
को स्थापना की।
– मुम्बई – सूती वस्त्रों की राजधानी
अहमदाबाद- भारत का मैनचेस्टर
कानपुर – उत्तरी भारत का मैनचेस्टर
– कोयम्बटूर – दक्षिणी भारत का मैनचेस्टर
भीलवाड़ा – राजस्थान का मैनचेस्टर/टेक्सटाइल सिटी
– भिवाड़ी- राजस्थान का नवीन मैनचेस्टर
– भीलवाड़ा-वस्त्र निर्यातक शहर का दर्जा
– भीलवाड़ा – कम्प्यूटर एडेड डिजाइन सेंटर
– भीलवाड़ा- पावरलूम मेगाक्लस्टर
वर्तमान में राजस्थान में सूती वस्त्र मिलें-व्यावर, पाली, भीलवाड़ा,
कोटा, चित्तौड़गढ़, जयपुर, श्रीगंगानगर, किशनगढ़ में हैं।
2. चीनी उद्योग➡️
– कृषि आधारित दूसरा बड़ा उद्योग है।
सर्वाधिक चीनी उत्पादन- ब्राजील, भारत
– उपभोग की दृष्टि से भारत का प्रथम स्थान है।
भारत का प्रथम चीनी उद्योग – बेतिया (बिहार)
भारत में सर्वाधिक चीनी उत्पादन – महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश
भारत में सर्वाधिक चीनी मिलें – महाराष्ट्र
(i) मेवाड़ शुगर मिल्स-भोपालसागर, चित्तौड़
* निजी क्षेत्र में
-स्थापना -सन् 1932
-राज्य की प्रथम मिल
(ii) राजस्थान स्टेट गंगानगर शुगर मिल्स, गंगानगर-
★ स्थापना-सन् 1945
* सार्वजनिक क्षेत्र
इसे गंगानगर शहर से हराकर कमानीपुरा (बीकानपुर) में स्थानांतरित किया जा रहा है तथा मार्च 2015 ‘रायल हेरिटेज लिकर’ का उत्पादन पुनः धारण किया गया है।
(ii) केशोरायपाटन सहकारी शुगर पिल्स चूदी-
-स्थापना-15
-सहकारी क्षेत्र
3 सीमेंट उद्योग➡️
– विश्व में सर्वप्रथम सोमेर का उत्पादन- पॉलिण्ड (इंग्लैण्ड) ज सोमेट को खोज- एस्पिडिन
भारत में सर्वप्रथम सन् 1904 में मदास (बई)
भारत में पहला वास्तविक रूप से सीमेंट कारखाना-सन्
1912 कटनी (मध्य प्रदेश)➡️
राज्य का पहला सोभेट कारखाना-सन् 1917, लाखेरी (दी)
भारत में सर्वाधिक सीमेंट उत्पादक राज्य- राजस्थान, आंध्रप्रदेश
राज्य का सबसे बड़ा सोभेट उत्पादक जिला-चित्तौड़, सिरोही
राज्य में सर्वाधिक सोमेट उत्पादक कारखाना-जे.के. सीमेंट,
निम्बाहेड़ा(चितौड़)
सफेद सीमेंट के कारखाने-
1. जे.के. सीमेट , गोटन (नागौर)
2. जे.के. सीमेंट, मांगरोल(चित्तौड़)
३ बिरला सीमेंट, खारिया खंगार (जोधपुर)
– सीमेंट खनन के क्षेत्र जो आवंटित किए।
में राज्य में खनिज क्षेत्र में निवेश हेतु चित्तौड़गढ़ जिले के पायरी-धनोरा-भोलियाखेडीलॉक, लसरावन जावदा ब्लॉक, नागौर के भेर-हिंगसरा ब्लॉक, बेह-सरसनीलोफएवं जैसलमेर जिले के 6 ब्लॉक्स (खोया-II, खीनसर-IV, मंधा-1,
एस.एन.-1, एस.एन.-11, एस.एन.-IV) वह सीमेंट संयंत्रों की स्थापना करने हेतु रिक्त घोषित किए गए हैं।
* जैसलमेर, बाड़मेर में लाइम स्टोन के विपुल भंडारों की उपलब्धि के कारण छ: वृहत्त सीमेंट फैक्ट्रियां एवं खीवसर, तुलसीराम व परमार की हाणी में 90 लाख टन वार्षिक क्षमता के बृहत्त सीमेंट कारखाने प्रस्तावित हैं। इसी प्रकार नागौर, बीकानेर, शंतनूं में जिप्सम, लाइम स्टोन और लिग्नाइट
के ‘वृहत्त भंडार मिले हैं।
* राजस्थान में भारत की सर्वाधिक सीमेंट उत्पादन कंपनियां स्थापित हैं। जिसका कारण लाइमस्टोन (खनिज संसाधन) व लिग्नाइट (शक्ति संसाधन) के विशाल भंडारों की उपलब्धता है।
– राज्य में नवीनतम सीमेंट कारखाना -➡️
1. लाफार्ज सीमेंट-
मैं फ्रांस की कंपनी
4 भाँवलिया (चित्तौड़) में संयंत्र स्थापित कर रही।
2. पासिम सीन कोटपूतली (जगपुर)
Jण्डो निप्पोन मारवाड़ डना (नागौर)
💠नमक उद्योग💠
 भारत में सर्वाधिक नमक उत्पादक राज्य गुजरात
अन्तः स्थलीय झीलों के माध्यम से नमक उत्पादन राजस्थान
– राजस्थान देश के कुल नमक उत्पादन का- 12%
राज्य की सबसे बड़ी नमक मण्डी नावा (नागौर)
सर्वाधिक खारे पानी की झीले नागौर
– सार्वजनिक क्षेत्र में नमक उत्पादन : सांभर, डीडवाना, पचपदा
– निजी क्षेत्र में नमक उत्पादन : फलौदी (जोधपुर), पोकरण (जैसलमेर), सुजानगढ़ (चूरू), लूणकरणसर (बीकानेर)
– सांभर नमक क्षेत्र:
* भारत का सबसे बड़ा आंतरिक नमक उत्पादन केंद (8.7 प्रतिशत देश का)
* केंद्र सरकार के उपक्रम ‘हिन्दुस्तान साल्ट्स लिमिटेड’
की सहायक कंपनी ‘सांभर साल्ट्स लि., जयपुर’ द्वारा नमक बनाने का कार्य किया जाता है।
स्थापना : 25 जनवरी 1960
पंचपदा नमक क्षेत्र:➡️
* बाड़मेर में स्थित इस नमक क्षेत्र में खारवाल जाति के लोग नमक बनाने का कार्य परंपरागत रूप से करते हैं। वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा नमक बनाने का कार्य किया जाता है।
– डीडवाना नमक क्षेत्र :➡️
मैं यहां के नमक में सोडियम सल्फेट की मात्रा अधिक होने के कारण यह खाने योग्य नहीं है। यहां नमक बनाने का कार्य ‘राजस्थान स्टेट केमिकल वर्क्स, डीडवाना’ द्वारा किया जाता है।
– मांडल साल्ट फार्म:➡️
* नावां (नागौर) में सांभर साल्ट्स क्षेत्र में 12 जनवरी 2002 को स्थापित किया गया है।
5.✳️ काँच उद्योग➡️
1. धौलपुरग्लास वर्क्स – धौलपुर
* निजी क्षेत्र में स्थापित यह प्रथम कारखाना
* राजस्थान में बालू मिट्टी (सिलिकायुक्त), सोडियम सल्फेट तथा शोरा आदि कच्चा माल उपलब्ध होने के कारण काँच उद्योग धौलपुर में मुख्य रूप से विकसित हुआ।
2. हाइटैक प्रिसीजन ग्लास फैक्ट्री – धौलपुर
* गंगानगर शुगर मिल के अंतर्गत कार्यरत
में काँच की बोतलें गंगानगर शुगर मिल को सप्लाई
* सार्वजनिक क्षेत्र
3. सिमकोर ग्लास फैक्ट्री-कोटा
* टी.वी. की पिक्चर ट्यूब बनाती है।
4 दिसंबर, 2012 में बंद
4. सेंट गोबेन ग्लास, भिवाड़ी (अलवर)
में फ्रांस की कंपनी
में फ्लोट ग्लास का उत्पादन करती है।
4 अगस्त, 2010 में स्थापित
4 राजस्थान में सवाईमाधोपुर, बूंदी, बीकानेर, जयपुर व उदयपुर
में कांच उद्योग के विकास की संभावनाएं हैं।
4 बीकानेर व अजमेर मेंसिरेमिक हब बनाने की ‘रिवाइज्ड सिरेमिक प्रमोशन पॉलिसी 2014’ जारी कर दी गई है।
* धीलोट (नीमराणा, अलवर) में रीको द्वारा सिरेमिक जोन बनाया जा रहा है।
6. ✳️रासायनिक कारखाने➡️
1. चंबल फर्टिलाइजर्स – गड़ेपान (कोटा)
# यूरिया उत्पादन
* गैस पर आधारित
* वर्तमान में इसका विस्तार किया जा रहा
4 निजी क्षेत्र में
2. श्रीराम फर्टिलाइजर्स, कोटा में यूरिया उत्पादन
मैं सर्वाधिक उर्वरक उत्पादन
3. राजस्थान राष्ट्रीय केमिकल फर्टिलाइजर्स, कपासन (चित्तौड़)
* उत्तरी भारत का सबसे बड़ा D.A.P कारखाना
मैं राज्य का प्रथम D.A.P. कारखाना
मैं स्थापना- RSMML व RCF ने की स्थापना
मै मुख्यालय-उदयपुर 
✳️मध्म एवं लघु उद्योग✳️
💠वनस्पति घी उद्योग➡️
राजस्थान का पहला वनस्पति घी बनाने का कारखाना भीलवाड़ा’ में स्थापित किया गया।
अन्य कारखाने-
1. महाराजा छाप शुद्ध वनस्पति घी-विश्वकर्मा (जयपुर)
2. ‘आमेर’ छाप शुद्ध वनस्पति घी- झोटवाड़ा (जयपुर)
3. ‘केसर छाप’ शुद्ध वनस्पति घी-निवाई (टोंक)
तेल घाणी उद्योग-
1. वीर बालक छाप सरसों का तेल- जयपुर
2. इंजन छाप सरसों का तेल- भरतपुर
3.✳️ रेशम उद्योग➡️
 सर्वप्रथम रेशम का आविष्कार चीन में हुआ।
– सर्वाधिक उत्पादन-चीन में
भारत में- कर्नाटक
राजस्थान में- उदयपुर, बांसवाड़ा
नोट- रेशम उद्योग से सम्बन्धित टसर उद्योग का विकास कोटा, बारा, झालावाड़ जिलों में हो रहा है।
राजस्थान में रेशम के कीड़े चम्बल नदी के आस पास पाये जाने वाले अर्जुन वृक्ष पर पाये जाते है।
✳️कागज उद्योग➡️
– सर्वप्रथम कागज का आविष्कार- चीन में हुआ।
अखबारी कागज विश्व में- कनाडा
भारत में- पश्चिमी बंगाल (कागज की लुगदी)
राजस्थान में कागज की लुगदी-सांगानेर, जयपुर
भारत में अखबारी कागज-नेपा नगर (मध्य प्रदेश)
नोट-कुमारप्पा कागज शोध अनुसंधान- जयपुर( सांगानेर)
[हस्त निर्मित कागज]
4. 💠गोंद उद्योग➡️
बाड़मेर जिले के चौहटन क्षेत्र में गोंद उद्योग के लिए देश भर में प्रसिद्ध है।
इस क्षेत्र में गोंद उतारने का कार्य मेघवाल तथा मुसलमान जाति द्वारा किया जाता है।
5. 💠माचिस उद्योग➡️
इस उद्योग की सर्वाधिक इकाईयाँ अलवर जिले में है। अन्य : कोटा, उदयपुर, फतेहगढ़
6. 💠लाख उद्योग➡️
– राज्य में लेसिफर लका कीट की लार से लाख तैयार की जाती है।
जयपुर तथा जोधपुर में सर्वाधिक लाख की चूड़ियाँ बनायी जाती है।
7.💠 शहद (मधुपालन उद्योग)➡️
इस उद्योग का सर्वाधिक विकास दक्षिणी आदिवासी जिलों बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर, चित्तौड़ जिलों में है।
नोट-“वर्तमान में इस उद्योग का सर्वाधिक विकास अलवर,
| भरतपुर जिलों में किया जाता है।”
💠रसायन उद्योग
राजस्थान में रासाय➡️निक उद्योग की प्रमुख इकाइयां : श्रीराम फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (कोटा), चंबल फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स गड़ेपान (कोटा), देवारी जिंक
स्मेल्टर प्लांट (उदयपुर), हाइटेक प्रोसीजन ग्लास फैक्ट्री (धौलपुर), राजस्थान एक्सप्लोजिस एवं केमिकल्स (धौलपुर) हैं। मोदी केमिकल्स अलवर, सोडियम सल्फेट संयंत्र डीडवाना (नागौर) एवं वाहनों के टायर ट्यूब बनाने का कारखाना श्रीराम
रेयंस एंड टायर कोर्ड (कोटा) तथा जे.के. टायर कांकरौली (राजसमंद) में स्थित है। राज्य में यूरिया बनाने का कारखाना
गड़ेपान (कोटा) में स्थापित किया गया है।
1. 💠सोडियम सल्फेट कारखाना : ➡️डीडवाना में राजस्थान स्टेट
केमिकल वर्क्स, डीडवाना के अंतर्गत कार्यरत है। इसमें सोडियम सल्फेट वर्क्स, सोडियम सल्फेट प्लांट और सोडियम सल्फाइड फैक्ट्री कार्यरत थे। अब ये बंद पड़ी हैं।
2. RSMML एवं राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर लि. (RPCL) ने मिलकर कपासन चित्तौड़गढ़ में राजस्थान राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर नाम से डीएपी खाद
का कारखाना स्थापित किया है। इस कारखाने की उत्पादन क्षमता 850 टन एवं प्रतिवर्ष 2.5 लाख टन है। इसमें दोनों कंपनियों की हिस्सेदारी क्रमश: 51:49 प्रतिशत होगी।
3. श्रीराम फर्टिलाइजर्स, कोटा
4. देबारी जिक स्मेल्टर, रासायनिक खाद का उत्पादन
5. चंबल फर्टिलाइजर एंड केमिकल इंडस्ट्रीज गडेपान (कोटा)
6. उदयपुर फास्फेट, उदयपुर
7. जीवन फर्टिलाइजर, कोटा
8. इंडियन पोटाश लिमिटेड, जयपुर
9. लिबर्टी फास्फेट लिमिटेड, उदयपुर
10. चंबल फर्टिलाइजर एंड केमिकल लिमिटेड, जयपुर
11. गंगानगर फर्टिलाइजर, गंगानगर
12. झामर कोटड़ा फर्टिलाइजर, उदयपुर
13. हिन्दुस्तान जिंक फर्टिलाइजर, कपसान (चित्तौड़गढ़) डीएपी खाद का कारखाना
14. मोदी केमिकल्स, अलवर
15. राजस्थान एक्सप्लोसिव्ज एंड केमिकल्स, धौलपुर (यहां विस्फोटक डिटोनेटर्स बनाए जाते हैं।)
16. हाइटेक प्रिसिजन ग्लास फैक्ट्री, धौलपुर (यहां काँच के दो कारखाने है।)
17. सहकारी कीटनाशक कारखाना, जयपुर
18. श्रीराम रेयन्स टायर कोर्ड कारखाना, जयपुर
19. टापर-ट्यूब कारखाना, अलवर (यह 18 करोड़ रु. की लागत से हाल ही में स्थापित किया गया है।)
20. जे.के. टायर्स, कांकरौली, राजसमंद
21. कृत्रिम रेशम कारखाना – कोटा, गुलाबपुरा, जयपुर, बाँसवाड़ा इंजीनियरिंग उद्योग
राजस्थान में सर्वप्रथम सन् 1943 में जयपुर मेटल की स्थापना हुई तथा बाद में बाल बियरिंग बनाने का कारखाना भी जयपुर में ही स्थापित किया गया।

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