सौर ऊर्जा परियोजन | solor system | राजस्थान में सौर ऊर्जा परियोजना

Join for information like this Join Now

⭕सौर ऊर्जा परियोजनाएँ

मथानिया (जोधपुर)-इन्टीग्रेटेड सोलर कम्बाइन्ड साइकिल पॉवर प्रोजेक्ट (ISCC) क्षमता 140 मेगावाट। इस परियोजना की स्वीकृति केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण ने 25 अगस्त, 1991 को दी थी। इस सौर मिश्रित चक्रीय परियोजना में 35 मेगावाट सौर ऊर्जा से, 70 मेगावाट
प्राकृतिक गैस से एवं 35 मेगावाट विद्युत उत्पादन गैस टरबाइन से निकलने वाली भाप से किया जायेगा।परियोजना हेतु गैस का आयात कतर से किया जायेगा। KFW जर्मनी, विश्व बैंक के Global Environment Facility तथा भारत सरकार के वित्तीय सहयोग से देश
की यह प्रथम सौर विद्युत परियोजना अक्षय ऊर्जा निगम द्वारा स्थापित की जा रही है। यह विश्व में अपनी तरह का पहला सौर ऊर्जा संयंत्र होगा। इसकी कुल लागत ₹ 822.70 करोड़ अनुमानित है। परियोजना हेतु जल की आपूर्ति राजीव गाँधी लिफ्ट नहर से की जाएगी तथा
प्राकृतिक गैस की आपूर्ति GAIL करेगा।
⭕अन्य सौर ऊर्जा परियोजनाएँ
अगोरिया (बाड़मेर) 50 मेगावाट(मै. सनसोर्स इण्डिया लि., अहमदाबाद ) मोकला गाँव (जैसलमेर)50 मेगावाट (मै.एमको एनरोन सोल पावर  डवलपमेंट लि., यू.एस.ए.)
⭕ताप ऊर्जा
राज्य के पश्चिमी जिलों में मिले लिग्नाइट कोयले के विशाल भण्डारों से राज्य में ताप विद्युत के उत्पादन की सम्भावनाएं हैं। देश में उत्पादित ऊर्जा का 60 प्रतिशत भाग कोयले, डीजल तथा गैस आधारित
ताप विद्युत गृहों से प्राप्त होता है। राजस्थान को भी उपलब्ध होने वाली कुल ऊर्जा में सर्वाधिक भाग ताप विद्युत का 47.06 प्रतिशत है। राजस्थान
में स्थापित प्रमुख ताप विद्युत गृहों का विवरण 
निम्नलिखित है-
कोटा तापीय विद्युत गृह (2- 110. 2- 210.2-210 और 1×195 मेगावाट)-कोटा में स्थापित इस विद्युत गृह की कुल उत्पादन क्षमता 1045 मेगावाट है। इसका निर्माण चार चरणों में पूरा किया गया है। प्रथम चरण में 2 x 110 मेगावाट, द्वितीय चरण में 2 x 210 मेगावाट,
तृतीय चरण में 2 x 210 मेगावाट तथा चतुर्थ चरण में 1 x 195 मेगावाट क्षमता की इकाइयाँ स्थापित की गई हैं। राज्य को उपलब्ध होने वाली कुल ऊर्जा में से 28.24 प्रतिशत ऊर्जा कोटा तापीय विद्युत गृह से प्राप्त
होती है। यह राज्य का दूसरा थर्मल पावर स्टेशन है।
> सूरतगढ़ तापीय परियोजना-प्रथम चरण (5×250 मेगावाट)- श्रीगंगानगर जिले में स्थापित इस परियोजना की 250 मेगावाट की 5
इकाइयों से विद्युत उत्पादन प्रारम्भ हो चुका है। सूरतगढ़ राजस्थान का प्रथम सुपर ताप विद्युत इकाई है। नवम्बर 2006 में 250 मेगावाट की सूरतगढ़ की छठी इकाई का उद्घाटन किया गया था।
रामगढ़ गैस तापीय विद्युत गृह (1 x 37.5, 1×37.5 और 1 x 35.0 मेगावाट)-तीन मेगावाट उत्पादन क्षमता वाले गैस तापीय विद्युत गृह की स्थापना जैसलमेर जिले के रामगढ़ कस्बे में राजस्थान राज्य विद्युत
उत्पादन निगम लि. द्वारा की गई है। इस विद्युत गृह से13 नवम्बर, 1994 से विद्युत उत्पादन किया जा रहा है। इस विद्युत-गृह हेतु उपकरणों
की आपूर्ति हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड, बँगलोर द्वारा की गई है।इस विद्युत गृह को गैस जैसलमेर जिले के तनोट, डांडवाला और बागी टिब्बा क्षेत्र से ऑल इण्डिया लिमिटेड और मनिहारी टिब्बा, घोटारू,
आसुवाला तला, बाधेवाला तथा सादेवाला क्षेत्र में तेल एवं प्राकृतिक गैस मन्त्रालय द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। इस विद्युत गृह के निर्माण का कार्य भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड को सौंपा गया था। इस इकाई से
परीक्षण उत्पादन 12 जनवरी, 1996 को प्रारम्भ किया गया। 35.5 मेगावाट क्षमता की यह इकाई गैस एवं डोजल दोनों से ही विद्युत उत्पादन करने में
सक्षम है। वर्तमान में इस विद्युत गृह की क्षमता का 92 प्रतिशत उत्पादन डीजल से हो रहा है।
35 मेगावाट विद्युत गृह के लिए गैस उपलब्ध करवाने हेतु गैस अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड के द्वारा 12 इंच व्यास की 35 किमी लम्बी

Leave a Comment